नवनीतशर्मा,मथुरा:कान्हाजितनेसूरदासकेहैं,उतनेहीरसखानके।यहांकीगलियोंमेंमीराकेगीतगूंजेतोताजबीबीनेभीपदगाए।कान्हाकीनगरीइसीमस्तीकीरौमेंरमतीहै।प्रेमकीइसभूमिपरश्रीकृष्णजन्मस्थानऔरशाहीमस्जिदईदगाहकोलेकरकोर्टमेंवाददायरहुआहै।पूरेदेशकीनिगाहेंयहांटिकीहैं,लेकिनमथुरानगरीकीजिंदगीहरफिक्रसेदूरमस्तीमेंचलरहीहै।
सोमवार,सुबहके11बजेहैं।शहरकेहृदयस्थलहोलीगेटपररोजकीतरहभीड़भाड़है।वाहनोंकीदौड़ऐसीकिकिसीकोकोईचितानहीं।यहांएकपानकीदुकानपरडैंपियरनगरकेदिगंबरसिंहपानखानेपहुंचेहैं।रोजकीतरहपानकाऑर्डरदियाऔरबोले,आजमौसमअच्छाहै।श्रीकृष्णजन्मस्थानऔरशाहीमस्जिदईदगाहकेबीचविवादकीबातछिड़ी,तोबिनादेरकिएबोले-सबराजकाजहै।हमारीयमुनामेंजिसतेजीसेलहरेंउठतीहैं,उसीतरहहरशख्सकेदिलमेंसांप्रदायिकसौहार्दहै।फैसलाचाहेकुछहो,लेकिनसबशांतिसेहो।उनकेसाथखड़ेराजनारायणशर्मानेभीहांमेंहांमिलाई।कहा,हरव्यक्तिचाहताहैकिविवादकानिपटाराहो,लेकिनआपसीविवादयहांकोईनहींचाहता।यहांकभीदंगेनहींहोते।एक-दूसरेकेत्योहारभीमिल-जुलकरमनातेहैं।उनकीहांमेंहांयहांखड़ेराजूनेभीमिलाईऔरचंद्रशेखरनेभी।
चौकबाजारभीरोजकीतरहव्यस्तथा।डीगगेटपरवाहनोंकीआवाजाहीरोजकीतरहहीथी।यहांअदालतकीकार्रवाईपरकोईचर्चानहींदिखी।मस्जिदअहलेहदीसकेइमामहाफिजमोहम्मदइमरानसनावलीभीगंगा-जमुनीतहजीबकीवकालतकरतेहैं।बोले,सबशांतिसेहोगा।मथुराहमेशाविवादोंसेदूररहाहै।