आगरा,गौरवभारद्वाज।आजकेदौरमेंहरजगहतेजरफ्तारकारऔरबाइकदौड़रहीहैं,वहींशहरकाएकऐसाइलाकाभीहै,जहांबच्चेसेलेकरबुजुर्गऔरमहिलाएंतकसबसिरपरहेलमेटलगाकरसाइकिलकेपैडलमारतेहुएआते-जातेदिखजाएंगे।ऐसानहींहैकिइनलोगोंकेपाससाइकिलकेअलावाकोईदूसरावाहननहींहै।अधिकांशकेघरपरकारऔरबाइकहै,लेकिनइसकेबादभीइन्हेंसाइकिलकीसवारीभातीहै।ऐसेलोगोंकीसंख्याएक-दोनहींबल्किसैकड़ोंमेंहै।दयालबागकेलोगोंनेसाइकिलकोअपनीजीवनकाहिस्साबनायाहुआहै।
कोरोनासंक्रमणकालमेंरोगप्रतिरोधकक्षमताबढ़ानेकेलिएलोगबाइकऔरकारछोड़करसाइकिलअपनारहेहैं,लेकिनदयालबागमेंसालोंसेसाइकिललोगोंकीजीवनशैलीकाहिस्साहै।सीनियरसिटीजनगुरुचरनदासबतातेहैंकिवोकालेजकेसमयसेहीसाइकिलचलारहेहैं।उन्होंनेअपनीपूरीनौकरीसाइकिलसेहीकीहै।घरमेंकारभीहैलेकिनआजभीवोसारेकामसाइकिलसेकरतेहैं।साइकिलचलानेसेवोफिटहैं।उनकाघुटनेकादर्दरहताहै,लेकिनसाइकिलचलानेसेउन्हेंआराममिलताहै।इसीतरह82वर्षीयदयालबागनिवासीएससीश्रीवास्तवभीआजभीसाइकिलसेचलनापसंदकरतेहैं।वो1945सेसाइकिलचलारहेहैं।साइकिलसेहीस्कूल-कालेजगए।जबनौकरीलगीतबभीसाइकिलनहींछोड़ी।अबरिटायरहुए22सालहोगएहैं,लेकिनउनकीसाइकिलरिटायरनहींहुईहै।81वर्षीयजेआनंदरावभीअपनेघरकेसभीकामसाइकिलसेनिपटातेहैं।चार-पांचकिमीकीदूरीवोसाइकिलसेहीतयकरतेहैं।
सुबह-शामसड़कोंपरदिखतीहैंसाइकिल
दयालबागमेंसुबहऔरशामखेतोंपरसेवाकेदौरानसड़कोंपरसाइकिलहीसाइकिलदिखतीहैं।बच्चे,महिला-पुरुषऔरबुजुर्गसभीसाइकिलसेचलतेहैं।चाहेडाक्टरहोयाप्रोफेसरयाबिजनेसमैनसबसाइकिलबड़ीशानसेचलातेहैं।लोगोंकाकहनाहैकिसाइकिलचलानेसेवोफिटरहतेहैं।हरघरमेंमिलेगीसाइकिलदयालबागमेंराधास्वामीसत्संगसभासेजुड़ीपांचकालोनियांहैं।इनकालोनियोंमेंकरीब1200मकानहैं।खेतोंमेंजानेकेलिएयहांकेलोगसाइकिलसेचलतेहैं।ऐेसेमेंयहांकेहरघरमेंसाइकिलमिलजाएगी।कईघरऐसेहैंजिसमेंसभीसदस्यसाइकिलचलातेहैं।ऐसेमेंघरोंमेंचारसेपांचसाइकिलभीहै।दयालबागकेबच्चेभीसाइकिलपसंदकरतेहैं।
कालोनीमेंनहींमिलतावाहनोंकोप्रवेश
दयालबागमेंपर्यावरणसंरक्षणकेलिएसाइकिलकाप्रयोगकियाजाताहै।इससेशरीरभीस्वस्थरहताहै।दयालबागकीकालाेनियोंमेंवाहनोंकाप्रवेशनहींहै।कालोनीमेंजानेकेलिएसाइकिलकाप्रयोगकरनाहोताहै।इसकेअलावाआने-जानेकेलिएदयालाबागकेई-रिक्शाकाप्रयोगकरनाहोताहै।