राजधानीदिल्लीकेपुलिसस्टेशनोंमेंसीसीटीवीकैमरोंकोलेकरदिल्लीहाईकोर्टमेंएकयाचिकादायरकीगईहै.जिसमेंदावाकियागयाहैकिराष्ट्रीयराजधानीकेसभीपुलिसस्टेशनोंमेंसीसीटीवीकैमरेनहींहैं.जिसकेबाददिल्लीहाईकोर्टनेइससंबंधमेंकेंद्रऔरदिल्लीसरकारसेउनकीप्रतिक्रियामांगीहै.
न्यायाधीशएसरविंद्रभट्टऔरसुनीलगौरकीएकपीठनेदिल्लीपुलिसकोनोटिसजारीकियाहैऔरयाचिकापरउसकापक्षजाननाचाहाहै.याचिकामेंदावाकियागयाहैकिभलेहीकुछपुलिसस्टेशनोंमेंकैमरेलगेहुएहैं,लेकिनउनमेंरिकॉर्डिंगकाफीचरनहोनेकीवजहसेवहकिसीकामकेनहींहैं.
यहआवेदनजनहितयाचिका(पीआईएल)केतौरपरदाखिलकियागयाहै.जिसेउच्चन्यायालयने16दिसंबर,2012कोचलतीबसमेंयुवतीसेरेपकेबादमहिलासुरक्षाकेमुद्देपरशुरूकियाथा.
याचिकामेंयहभीकहागयाहैकिइससालशहरकेपुलिसथानोंकेअंदरकईमौतेंहुईहैंऔरकहागयाहैकिचालूसीसीटीवीकैमरोंकीमौजूदगीकोनिवारककेतौरपरआवश्यककरदियाजानाचाहिए.
जिनपुलिसस्टेशनोंमेंसीसीटीवीकैमरेलगेहैंउनमेंसेज्यादातरखराबरहतेहैं.यहीवजहहैकिजबपुलिसस्टेशनमेंमारपीटयाछेड़छाड़जैसेमामलेसामनेआतेहैंतोकोईफुटेजयहांलगेकिसीसीसीटीवीकैमरेमेंकैदनहींहोपाती.