राजनपुंडीर,नाहन
सिरमौरजिलाकेगिरिपारक्षेत्रमेंसदियोंपुरानीदेववनपरंपराकल्पनासीलगतीहै।प्राकृतिकपरिवेशकोसंरक्षितरखनेकेलिएदैवीयऔरमानवीयसीमाओंकेआदरकीयहअद्भुतमिसालहै,जोयहाकेपुरखोंनेसदियोंपूर्वकेदौरकोदेखकरइसकीनींवडालीथीजोआजतकउसीभावएवंसंयमकेसाथजीवितहै।हरवर्षपर्यावरणसंरक्षणकेलिएपौधरोपणकियाजारहाहै।बावजूदइसकेजंगलघटरहेहैं।देववनपरंपराएंसेपर्यावरणसंरक्षणकासंदेशमिलरहाहै।सिरमौरजिलाकेगिरिपारक्षेत्रकीपच्छाद,श्रीरेणुकाजीऔरशिलाईविसक्षेत्रमेंकईगावोंमेंदेववनपरंपराआजभीकायमहै।यहादेववनपरंपराकोस्थानीयभाषामेंमीरनयाबौलकहतेहैं।यहापाचसदस्यीयकमेटीवनोंकेसंरक्षणकेलिएकार्यकरतीहै।कमेटीमेंप्रधानतपेंद्रसिंहठाकुरकेअलावारतनसिंह,ताराचंद,कपिलदेवकमेटीकेसदस्यऔरकोषाध्यक्षनरेशठाकुरशामिलहैं।प्रधाननेबतायाकिदेववनपरंपराकेकड़ेनियमहैं।संरक्षितवनक्षेत्रसेघास-पत्ती,काटने,ईधनकेलिएलकड़ीलानेपरपूर्णपाबंदीहै।यहाकेकुलदेवताशिरगुलमहाराजकीकृपासेलोगनियमोंकापालनकरतेहैं।नियमोंकापालननकरनेवालोंकोदंडितकियाजाताहै।कंडागावके77वर्षीयबुजुर्गववनसंरक्षणकमेटीके50वर्षतकप्रधानरहेपदमसिंहठाकुरनेबतायाकिगावमेंजबबर्फपड़तीहैतोएकयादोसप्ताहकेलिएजंगलकोदेवताकीअनुमतिसेखोलाजाताहै।इसकेलिएगावकोएकत्रकियाजाताहै।इसकेबादलोगनिर्धारितनियमोंकेअनुसारजंगलसेसूखीलकड़ीवचारालासकतेहैं।इसमेंभीकेवलनीचेगिरेसूखेपेड़हीग्रामीणलासकतेहैं।
देववनऐसेवनहैं,जोकिसीस्थानीयदेवीयादेवताकेनामसेसंरक्षितक्षेत्रहैं।येवनसरकार,शामलातयागावकेसाझेवनहोसकतेहैं।वनकासंरक्षणकाजिम्मागावमेंगठितएककमेटीकाहोताहै।वहींकमेटीवनोंकेलिएसंरक्षणकेलिएनियमबनातीहैऔरनियमोंकापालननकरनेपरजुर्मानाभीलगातीहै।इसेदेवभयकहेंयापुरखोंएवंपीढि़योंकेप्रतिदायित्वकीभावनाकिइनवनोंकेसंरक्षणकेलिएकोईपुलिस,वनविभागयाचौकीदारनहींरखाजाताहै।
हरसालपांचसेसातलोगोंकोजाने-अनजानेहुईगलतीकेलिएजुर्मानालगायाजाताहै।गावमेंनियमोंकीपालनानकरनेवालोंसेअबतककरीबचारहजाररुपयेजुर्मानावसूलागयाहै।जुर्माना100से500रुपयेहै।
-नरेशठाकुर,कोषाध्यक्ष,देववनपरंपराकमेटी